नमस्कार दोस्तो, यदि आप कॉमर्स विषय के विद्यार्थी हैं तो आपको पता होगा, कि कॉमर्स के अंतर्गत अर्थशास्त्र में काफी महत्वपूर्ण सब्जेक्ट होता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम अर्थशास्त्र की प्रकृति एवं क्षेत्र की व्याख्या करने वाले है, यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
हम आपको इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं कि अर्थशास्त्र की प्रकृति एवं क्षेत्र क्या है, इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।
अर्थशास्त्र की प्रकृति एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए
दोस्तों अर्थशास्त्र कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण टॉपिक होता है। अर्थशास्त्र की प्रकृति एवं क्षेत्र की व्याख्या निम्न प्रकार से है :-
अर्थशास्त्र की प्रकृति
दोस्तों अर्थशास्त्र की प्रकृति को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है, जो निम्न प्रकार से है :-
विज्ञान के रूप में अर्थशास्त्र
अगर दोस्तों आप इस टॉपिक के बारे में समझना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले विज्ञान के बारे में समझना होता है जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं, कि विज्ञान अलग-अलग तथ्यों पर आधारित जो निष्कर्ष निकलता है, उसको कहा जाता है। या फिर विज्ञान के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार के तत्व तथा आंकड़ों को एकत्रित किया जाता है, तथा उन पर अध्ययन करके एक विश्लेषण किया जाता है। तो इसी प्रकार से विज्ञान के रूप में अर्थशास्त्र को भी निम्न प्रकार से माना जाता है:-
अर्थशास्त्र के अंतर्गत अलग-अलग तथ्यों और आंकड़ों का एक भंडार होता है।
विज्ञान की तरह अर्थशास्त्र भी अलग-अलग सिद्धांतों और कानूनों के निर्माण पर आधारित होती है।
इसके अलावा अर्थशास्त्र कारण और प्रभाव के संबंध से भी संबंधित है।
कला के रूप में अर्थशास्त्र
अगरतला को आसान भाषा में समझा जाए तो अलग-अलग प्रकार की समस्याओं का हल निकालना ही कला माना जाता है। तो उसी प्रकार से अर्थशास्त्र के अंतर्गत भी समाज की विभिन्न आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए आर्थिक सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है। इसी कारण हमें अर्थशास्त्र कला के रूप में भी देखने को मिलती है।
अर्थशास्त्र के क्षेत्र क्या-क्या है?
दोस्तो अर्थशास्त्र एक समाज के लिए तथा एक व्यक्तिगत जीवन के लिए और एक देश के लिए काफी ज्यादा महत्व रखता है, तथा शास्त्र के क्षेत्र हमें हर अलग-अलग जगहों पर देखने को मिलते हैं। अर्थशास्त्र के क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है :-
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र
इसके अंतर्गत व्यक्तिगत जीवन की गतिविधियों, उद्योगों और उनकी बातचीत की जांच की जाती है, जिनके अंतर्गत हमें निम्न अलग-अलग प्रकार की विशेषताएं देखने को मिलती है।
लॉन्च, उत्पादन का सिद्धांत, एकाधिकार, अल्पाधिकार आदि
2. समष्टि अर्थशास्त्र
यह अर्थशास्त्र का एक विशाल रूप होता है, या फिर इसके अंतर्गत एक बड़े पैमाने पर अध्ययन किया जाता है, और इसके अंतर्गत अर्थशास्त्र को ऊपर से नीचे तक देखा जाता है। इस प्रकार के अर्थशास्त्र के अंतर्गत समय निम्न प्रकार की विशेषताएं देखने को मिलती हैं:-
विकास, व्यापार चक्र, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और अपस्फीति आदि।
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निष्कर्ष
तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि अर्थशास्त्र की प्रकृति एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए (arthshastra ki prakriya hai chatra ki vyakhya kijiye), इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।