ऋतु खंडूरी (राजनीतिज्ञ) जीवन परिचय, उम्र, लम्बाई, कैरियर, शिक्षा, परिवार, राजनितिक पार्टी, राजनितिक कैरियर, रोचक तथ्य, जीवनी और अधिक
ऋतु खंडूरी एक भारतीय राजनीतिक नेता हैं। उन्होंने राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) से उत्तराखंड के कोटद्वार निर्वाचन क्षेत्र से 2022 का उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जीता था। मार्च 2022 में, उन्हें उत्तराखंड विधानसभा में पहली महिला स्पीकर के रूप में चुना गया है। इसलिए वह सुर्ख़ियों में है।
विकी/बायो (wiki/bio)
नाम:- | ऋतु खंडूरी |
पूरा नाम:- | ऋतु खंडूरी भूषण |
व्यवसाय:- | राजनीतिज्ञ (Politician) |
व्यक्तिगत जानकारी (Personal information)
जन्म दिनांक:- | 29 जनवरी 1965 |
उम्र:- | 57 साल (2021 तक) |
जन्म स्थान:- | पौड़ी, उत्तराखंड |
राशि:- | कुंभ राशि |
गृहनगर:- | पौड़ी, उत्तराखंड |
नागरिकता/राष्ट्रीयता:- | भारतीय |
धर्म:- | हिन्दू |
पता (Address):- | 305, सोम विहार अपार्टमेंट आरकेपुरम, दक्षिण पश्चिम, दिल्ली 110022 |
शारीरिक जानकारी (Physical Stats)
आंखों का रंग:- | काला |
बालों का रंग:- | काला |
शिक्षा और योग्यता (Education & qualification)
स्कूल:- | ज्ञात नहीं |
कॉलेज:- | रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज, मेरठ विश्वविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय |
योग्यता :- | रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज से बीए ऑनर्स (1986) राजस्थान विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन |
परिवार (Family)
पिता का नाम:- | भुवन चंद्र खंडूरी (उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री) |
माता का नाम:- | अरुणा खंडूरी |
दादा का नाम:- | जय बल्लभ खंडूरी (पत्रकार) |
दादी का नाम:- | दुर्गा देवी खंडूरी (सामाजिक कार्यकर्ता) |
भाई का नाम:- | मनीष खंडूरी (राजनेता) |
बहन का नाम:- | N/A |
प्रेम सम्बंध, वैवाहिक स्थिति, बच्चे (Affair, Marital status, children)
वैवाहिक स्थिति:- | विवाहित |
पति:- | राजेश भूषण (IAS अधिकारी) |
शादी की तारीख:- | ज्ञात नहीं |
बच्चे:- | उनके दो बच्चे है |
कैरियर (Career)
ऋतु खंडूरी ने 2006 से 2017 तक नोएडा में एमिटी विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के रूप में काम किया था। उसके बाद 2017 में, वह अपने पिता भुवन चंद्र खंडूरी के कहने पर राजनीति में शामिल हुईं थी। मीडिया हाउस से बातचीत में उनके एक परिचित ने बताया कि रितु खंडूरी हमेशा से टीचर बनना चाहती थीं। उन्होंने बताया
वह एक टीचर थी और वह अपने शिक्षण कार्य से बहुत खुश थी। उन्हें राजनीतिक कदम उठाने में शुरुआती झिझक थी लेकिन उन्होंने अपने पिता के कहने पर ऐसा किया था। अनिच्छा शुरुआती थी, क्योंकि अब वह पूरी तरह से राजनीति में निवेश कर चुकी हैं। (यमकेश्वर से) टिकट से वंचित किए जाने के बाद वह निराश हो गईं क्योंकि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र को वास्तव में अच्छी तरह से पोषित किया था।
2012 में कोटद्वार सीट से विधानसभा चुनाव में उनके पिता भुवन चंद्र खंडूरी को उनके प्रतिद्वंद्वी सुरेंद्र सिंह नेगी ने हराया था। तब से उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा था। उसके बाद उनके पिता के कहने पर उनके पिता की विरासत को 2017 में उन्होंने संभाला था। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को हराया और पहली बार चुनाव जीता था। 2022 में, उनको उनके यमकेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। लेकिन उसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कोटद्वार निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने का टिकट दिया था, और उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।
जीत के बाद, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कोटद्वार के मतदाताओं को अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए धन्यवाद दिया। उसने कहा,
सबसे पहले मैं पार्टी आलाकमान और कोटद्वार के मतदाताओं को मुझ पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। यह ठीक एक दशक पहले की बात है जब मेरे पिता ने भी यहां से चुनाव लड़ा था और विकास सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और स्थानीय लोगों के मुद्दों को उठाया और हल किया जाएगा।
मार्च 2022 में, उन्हें उत्तराखंड विधानसभा में पहली महिला स्पीकर के रूप में चुना गया था। वह भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड महिला मोर्चा इकाई की प्रमुख के रूप में कार्य करती हैं।
ऋतु खंडूरी से जुड़े रोचक तथ्य (Intresting Fact About Ritu Khanduri)
- उनके पिता भुवन चन्द्र खंडूरी 2007 से 2009 और 2011 से 2012 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM) रहे थे। और उनके पिता भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मेजर जनरल थे।
- उनके भाई मनीष खंडूरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(INC) के सदस्य हैं, जिन्होंने 2019 में गढ़वाल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव हार गए।
- वह अपने फेसबुक पेज पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह अक्सर उस पर अपने राजनीतिक अभियानों और रैलियों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करती हैं। फेसबुक पर उन्हें 15 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
- 2022 में, उन्हें उत्तराखंड विधानसभा के छठे अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।